Sunday 23 December 2018

फिर कोई बात हो


बातें तो कोई भी कर ले,
कोई कर के दिखाये,
फिर कोई बात हो।

रातें तो कोई भी सो ले,
कोई जग के दिखाए,
फिर कोई बात हो।

सपने तो कोई भी बो ले,
कोई हक़ीक़त बनाये,
फिर कोई बात हो।

'जेसी' तो कोई भी बन ले,
कोई 'राजेश' बन के दिखाए,
फिर कोई बात हो।

Wednesday 1 April 2015

यह मौसम और यह दूरी

मीठी मीठी बारिश में,
इंद्रदेव की साजिश में,
तुम याद आती हो.

छप छप करते पत्तों में,
झम झम बजते छत्तों में,
तुम याद आती हो.

जलते हुए अलाव में,
ठिठुरते हुए जमाव में,
तुम याद आती हो.

चिपकते हुए जोड़ों में,
सुलगते हुए होटों में,
तुम याद आती हो.

चढ़ती हुई टोपी में,
राह गुजरती गोपी में,
तुम याद आती हो.


तुम याद आती हो.
तुम याद आती हो.

बस अब आ जाओ ना!!


यह बात समझते क्यों नहीं

मन तड़प रहा है,
दिल सुलग रहा है,
यह बात समझते क्यों नहीं.

भावनाएं मर रही है,
निराशाएं बढ़ रही है,
यह बात समझते क्यों नहीं.

मैं रो रहा हूँ,
तिल तिल मर रहा हूँ,
यह बात समझते क्यों नहीं.

मुस्कान हठ रही है,
सिसकियाँ निकल रही है,
यह बात समझते क्यों नहीं.

मित्रता घट रही है,
पात्रता रह गई है,
यह बात समझते क्यों नहीं.

वक़्त निकल रह है,
दूरियां बढ़ा रहा है,
यह बात समझते क्यों नहीं.

CA Pankaj Jain.

न दिखाओ ज्यादा , न छुपाओ ज्यादा

जिसके पास नहीं है, वो दिखाने को उत्सुक है. जिसके पास है, वो छुपाने को उत्सुक है. जिसके पास ज्ञान नहीं है, वो बोलने को उत्सुक है. जिसके पास ज्ञान है, वो चुप रहने को उत्सुक है. जो चल नहीं सकता, वो दौड़ने को उत्सुक है. जो दौड़ नहीं सकता है, वो पसरने को उत्सुक है. न छुपाओ अधिक, न दिखाओ अधिक, ख़ुशी के लिए, बस जीने की जरुरत है. CA Pankaj Jain

Saturday 28 March 2015

LPG Subsidy - Give it UP

Hey Deedy, Don’t be Greedy.
Help the needy, Leave Subsidy.

Be more Kindy, Be Less Spendy.
Help the cloudy, Leave Subsidy.

Be more goody, Be Less Foody.
Help the broody, Leave Subsidy.

Be More hardy, Be Less tardy.
Help the saddy, Leave subsidy.


CA Pankaj Jain

               

              







http://capankajjain.blogspot.com/2015/03/lpg-subsidy-give-it-up.html











Saturday 25 January 2014

थोड़ा सा प्यार

Little Love
मैं जान देने को तैयार हूँ,
थोड़ी सी  जान बन के तो देखो.

मैं अपना बनाने को तैयार हूँ,
थोड़ी सी अपनी बनकर तो देखो.

मैं सब कुछ सुनने को तैयार हूँ,
थोड़ा सा मुझको सुनकर तो देखो.

मैं सब कुछ समझने को तैयार हूँ,
थोड़ा सा मुझको समझकर तो देखो.

मैं हर पल हंसाने को तैयार हूँ,
थोड़ा सा मुझे हंसा के तो देखो.

मैं गले लगाने को तैयार हूँ,
थोड़ा सा गले लगा के तो देखो.

CA Pankaj Jain

Sunday 19 January 2014

Meri Bitiyaa (My Daughter)

My Daughter
भावनाएं भर जाती हैं, 
जब तुम मुझे हंसाती हो.
शरारत भरी निगाहों से,
हक़ से मुझे डराती हो.

हनी सिंघ की देसी बीट्स पर,
यो यो तुम चिल्लाती हो.
खुद को मेरी मैडम समझ कर,
मुझ पर रोब जमाती हो.

घुम्मी घुम्मी करने को,
जब तुम मुझे पटाती हो.
रसगुल्ला खाने से पहले,
मुंह से रस गिराती हो.

थोड़ा सा धमकाने पर ही,
आंसू जो टपकाती हो.
घर पर मेरे घुसते ही, 
मुझको गले लगाती हो.

हंसाती हो, रुलाती हो, 
मम्मी को सहलाती हो.
पापा कि प्यारी सी बेटी, 
तब तब तुम कहलाती हो. 
तब तब तुम कहलाती हो.

CA Pankaj Jain.