जिसके पास नहीं है,
वो दिखाने को उत्सुक है.
जिसके पास है,
वो छुपाने को उत्सुक है.
जिसके पास ज्ञान नहीं है,
वो बोलने को उत्सुक है.
जिसके पास ज्ञान है,
वो चुप रहने को उत्सुक है.
जो चल नहीं सकता,
वो दौड़ने को उत्सुक है.
जो दौड़ नहीं सकता है,
वो पसरने को उत्सुक है.
न छुपाओ अधिक,
न दिखाओ अधिक,
ख़ुशी के लिए,
बस जीने की जरुरत है.
CA Pankaj Jain