Sunday 19 January 2014

Meri Bitiyaa (My Daughter)

My Daughter
भावनाएं भर जाती हैं, 
जब तुम मुझे हंसाती हो.
शरारत भरी निगाहों से,
हक़ से मुझे डराती हो.

हनी सिंघ की देसी बीट्स पर,
यो यो तुम चिल्लाती हो.
खुद को मेरी मैडम समझ कर,
मुझ पर रोब जमाती हो.

घुम्मी घुम्मी करने को,
जब तुम मुझे पटाती हो.
रसगुल्ला खाने से पहले,
मुंह से रस गिराती हो.

थोड़ा सा धमकाने पर ही,
आंसू जो टपकाती हो.
घर पर मेरे घुसते ही, 
मुझको गले लगाती हो.

हंसाती हो, रुलाती हो, 
मम्मी को सहलाती हो.
पापा कि प्यारी सी बेटी, 
तब तब तुम कहलाती हो. 
तब तब तुम कहलाती हो.

CA Pankaj Jain. 

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