थोड़ी सी
जान बन के
तो देखो.
मैं अपना बनाने
को तैयार हूँ,
थोड़ी सी अपनी
बनकर तो देखो.
मैं सब कुछ
सुनने को तैयार
हूँ,
थोड़ा सा मुझको
सुनकर तो देखो.
मैं सब कुछ
समझने को तैयार
हूँ,
थोड़ा सा मुझको
समझकर तो देखो.
मैं हर पल
हंसाने को तैयार
हूँ,
थोड़ा सा मुझे
हंसा के तो
देखो.
मैं गले लगाने
को तैयार हूँ,
थोड़ा सा गले
लगा के तो
देखो.
CA Pankaj Jain
No comments:
Post a Comment