मीठी मीठी बारिश में,
इंद्रदेव की साजिश में,
तुम याद आती हो.
छप छप करते पत्तों में,
झम झम बजते छत्तों में,
तुम याद आती हो.
जलते हुए अलाव में,
ठिठुरते हुए जमाव में,
तुम याद आती हो.
चिपकते हुए जोड़ों में,
सुलगते हुए होटों में,
तुम याद आती हो.
चढ़ती हुई टोपी में,
राह गुजरती गोपी में,
तुम याद आती हो.
तुम याद आती हो.
तुम याद आती हो.
बस अब आ जाओ ना!!
इंद्रदेव की साजिश में,
तुम याद आती हो.
छप छप करते पत्तों में,
झम झम बजते छत्तों में,
तुम याद आती हो.
जलते हुए अलाव में,
ठिठुरते हुए जमाव में,
तुम याद आती हो.
चिपकते हुए जोड़ों में,
सुलगते हुए होटों में,
तुम याद आती हो.
चढ़ती हुई टोपी में,
राह गुजरती गोपी में,
तुम याद आती हो.
तुम याद आती हो.
तुम याद आती हो.
बस अब आ जाओ ना!!